आध्यात्मिक जागृति के बाद सबसे कठिन समय क्या होता है

आध्यात्मिक जागृति के बाद सबसे कठिन समय क्या होता है


What is the most difficult stage after spiritual awakening यह जरुरी नहीं है कि आध्यत्मिक जाग्रति में सभी एक जैसा ही महसूस करे कुछ मायनो में अलग हो सकती है। अगर कोई चीज़ एक जैसी होती है तो वह है अँधेरे समय से प्रकाश की बढ़ते जाना। वही इस जर्नी में एक कठिन समय भी आता है वह क्या है इसे आगे जानेंगे। इससे पहले जानिए इसकी कुछ विशेषताए 

आध्यत्मिक जागृति होने और इस पथ पर आगे बढ़ते जाने पर आप अपनी अपनी कमियों पर कार्य करने लगते है।  जहां आपके भीतर का डर(fear) निकलने लगता है ऐसा होने में समय लगता है यह आपके आध्यत्मिक प्रैक्टिस और समय पर निर्भर करता है क्योंकि यहाँ सबकी जर्नी अलग है। 

आध्यात्मिक जागृति की कुछ सामान्य विशषताएं - Some general characteristics of spiritual awakening In Hindi

  • इसे हर्मिट फेज(hermit phase) भी कह सकते है, इस दौरान आप स्वयं पर इतना कार्य करते है कि आपके विचार साफ होने लगते है। कुछ पुराने पैटर्न बदल जाते है और कुछ नयी चीजो को अपनाते है।  कुल मिलकर नयी अवधारणाओं के बारे  है। 
  • जो कार्य आपको लगता था की यह आपके बस की बात नहीं, लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा।  आपको महसूस होगा कुछ भी आपकी पहुंच से दूर नहीं। 
  • कई बार लग सकता है कि आप आध्यात्मिकता(spirituality) में पीछे जा रहे  है या रुक गए है।  पुराने विषैले ख्याल याद आ सकते है।  यह आपकी बची-खुची अहंकार की वजह से होता है। लेकिन चिंता की बात नहीं।  अभी पता है होने लगेगा कैसे इनसे बाहर निकलना है और वापस बैलेंस में आना है। 
  • सेल्फ केयर करते है साथ ही दूसरे की भी लेकिन बिना किसी उम्मीद के। 
  • आपका फ्रेंड सर्किल खत्म होने लगता है या उनसे दूरी हो सकती है। 
  • यह भी हो सकता है कि आपको अपनी वर्तमान नौकरी में मन न लगे और उसे छोड़ने का मन बना सकते है ।  

आध्यात्मिकता एक प्रक्रिया है जिसमें आपका आंतरिक विकास होता चला जाता है जहां आप कुछ भी करने के लिए के लिए प्रेरित है और सब कुछ जीवंत लगता है। 

आध्यात्मिक जागरण(जाग्रति) का सबसे कठिन समय क्या है? - The most difficult time after spiritual awakening

अवकेनिंग(awakening) के बाद का सबसे कठिन समय यह होता है कि जब आप इसकी शुरुवाती अवस्था में होते है तो आप कुछ नहीं करते हैं क्योंकि आपको कुछ समझ ही नहीं आता और इसी वजह से कुछ लोगों को कई साल लग जाते हैं इस अवस्था से निकलने में।  यह समय डार्कनाइट ऑफ द सोल का होता है जहाँ आप आध्यात्मिक और भौतिक दुनिया के बीच फंसा महसूस करते है। इस फेज को जब आप जब हल कर लेते हैं तब आप अपनी आगे की आध्यात्मिक यात्रा(spiritual journey) की ओर बढ़ते जाते हैं 

इस चरण के दौरान आपको इस तरह के हालात महसूस हो सकते हैं

  • खुद को खोया हुआ महसूस करना
  • दुनिया जैसे आगे बढ़ रही हो और आप वहीं रुक गए ह
  • नींद कम यह अधिक आना
  • पुराने ट्रॉमा या जख्म याद आना

यह कठिन समय तब तक रहता है जब तक आप इसे स्वीकार नहीं लेते है।  ऐसा करने के बाद जल्द आपको सुरंग के अंत में प्रकाश दिखने लगेगा। 

जागरूकता के बाद(after awakening) आपको क्लियर हो जाता है कि आप पहले क्या कर रहे थे जो वास्तव में नहीं करना था और अभी आप क्या कर सकते हैं। वास्तव में आपका मकसद क्या है अब आप उसकी और बढ़ेंगे। इसी दौरान ही आप अपने पुराने जख्मों जिनकी वजह से आपको काफी पीड़ा मिली थी उन्हें हल करेंगे और जानेंगे कि वह क्यों हुआ और उससे सीख लेकर उसे लेट गो(let go) करने की कोशिश कर अपने soul purpose की तरफ आगे बढ़ेंगे।