आध्यात्मिक जीवन का सार तत्व क्या है ? - What Is The Essence Of Spiritual Life In Hindi
Asdhyatmik jeevan ka saar tatva आध्यात्मिकता जीवन जीने का एक नया दृष्टिकोण है जिसे किसी चीज़ तक सिमित नहीं कर सकते है। यह आत्मा का विस्तार है इसके सार को कम शब्दों में समझे तो जब आप यह जान लेते है की आप कौन है ?, कहां से आये है, क्यों आये है और कहां जाना है ? इनके उत्तर जानने के बाद आपको अपने उद्देश्य की प्राप्ति होती है। यह अध्यत्मिकत जीवन का कुल सार है।
अब उद्देश्य की प्राप्ति कब होगी यह आपके आध्यात्मिक गति और समय पर निर्भर करता है लेकिन आपको यह चिंता नहीं करनी की यह कब होगा बल्कि नदी की भांति बहते हुए आपको स्वयं प्राप्त हो जायेगा।
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आपको बस अपनी अवेयरनेस(awareness) बढ़ानी है जो आध्यत्मिकता का मुख्य लक्षण है। लेकिन यह सब जानना क्यों है ? जाहिर सी बात है ईश्वर ने यह शरीर दिया है तो कुछ उद्देश्य भी होगा। हर बार शरीर बदलता है लेकिन आत्मा वही है। पिछली रहते हुए जो कर्म किये है अच्छा या बुरा उनका भुगतान भी होना होता था कुछ उसी समय भुगतान हो जाते और कुछ का जब संयोग बनता है यानि अगले जन्म में भी, क्योंकि हर जन्म में हम भूल जाते है हमने पिछले जन्म में किया लेकिन भुगतान तो करना पड़ेगा। हर कर्म भुगतान के साथ ही उससे सीख भी जुडी होती है ताकि वह बुरा कर्म दोबारा न हो नहीं तो इस बंधन में बंधे रहेंगे।
आध्यत्मिकता के जरिये जब आपकी अवेयरनेस बढ़ती है तो भले ही आपको कुछ पिछले याद न हो लेकिन परिस्थितियो को देखकर आप उसे समझने का प्रयास करते है और इसी के साथ ही आपको उन तीन प्रश्नो के उत्तर भी धीरे-धीरे मिलने लगते है।
शरीर मंदिर है और हमारी आत्मा जो परमात्मा का अंश है यही से ही आपको सारे उत्तर मिलेंगे क्योंकि आत्मा ही हर जन्म एक ही है तो उससे बेहतर आपको उत्तर और कौन दे सकता है लेकिन इसकी आवाज सुनने के लिए आपको इससे जुड़ना होगा। यह आपको कभी गलत रास्ता नहीं बताएगी। यह सब आध्यात्मिक जीवन(spiritual life) से ही संभव है।