सहस्रार या क्राउन चक्र क्या है और इसे कैसे जाग्रत करे

Crown Chakra Open In Hindi हमारा जीवन कैसा भी हो इसी में ही हमें अपने उद्देश्यों की प्राप्ति होती है संतुलित क्राउन चक्र आपको इस उद्देश्य की प्राप्ति में मदद करता है। लेकिन सामान्य व्यक्ति के लिए इतनी गहरी समझ होना मुश्किल है।  इस आर्टिकल में जानिए सहस्रार चक्र क्या है और इसे कैसे जाग्रत करे 

सहस्रार या क्राउन चक्र क्या है और इसे कैसे जाग्रत करे

चक्र ऊर्जा(energy) का केंद्र होते है इन्ही में आपकी सभी उर्जाये मौजूद है यदि किसी व्यक्ति को जीवन के किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित बार-बार परेशानियां आती है तो इसका मतलब उसका कोई चक्र बंद है इसे हील(heal) कर उस चक्र को जाग्रत कर सकते है। करने की सम्पर्ण जानकारी 

सहस्रार चक्र क्या होता है ? - What Is Crown Chakra In Hindi

सहस्रार चक्र ऊर्जा का सातवां केंद्र है जो आपके सिर यानि शीर्ष पर स्थित होता है जहां पर ताज पहनाया जाता है।  इसे भौतिक और आध्यात्मिक जगत का पुल मानिये।  इसके जरिये आप ईश्वर या ब्रह्माण्ड से अपना आत्मिक सबंध स्थापित करते है।  

जरुरी नहीं है कि सभी का यह चक्र खुला और संतुलित हो, किसी का ब्लॉक भी हो सकता है।  सहस्रार चक्र हजार पंखुडियो वाले कमल के आकार का होता है।  प्रत्येक पंखुड़ी व्यक्ति के विभिन्न प्रकार के इमोशन, विचार आदि को बतलाता है।  

इसका रंग बैगनी है जो तेज दिव्य ऊर्जा के कारण इसकी आभा(aura) सफ़ेद रंग की दिखती है। यह चक्र की ऊर्जा  समर्पण, आध्यात्मिक(spirituality) और उच्च चेतना से जुडी है। लेकिन जब यह चक्र असंतुलित होता है तो आप अध्यत्मिकता से दूर रहते है। 

मूलाधार चक्र(root chakra) कैसे जाग्रत करें और असंतुलन होने के लक्षण इन हिंदी

सहस्रार चक्र के कार्य को समझे 

1- मुकुट चक्र(crown chakra) आध्यत्मिकता  के उच्च स्रोत का प्रवेश द्वार है जहां आप ब्रह्माण्ड( ईश्वर) की दिव्यता से जुड़कर स्वयं को दिव्य महसूस करने लगते है।  

2- यह चक्र हमें अपने उच्च अंतर्ज्ञान से जोड़ता है जिससे सार्वभौमिक तौर पर सम्पूर्ण जगत के ज्ञान, शांति और सामंजस्य का अनुभव प्राप्त करने का मार्ग खुलता है। सामान्य मानव ज्ञान से परे आपकी समझ होने लगती है जिसे शब्दों में बताना मुश्किल है। 

3- जब यह चक्र खुलता है तो आपके विचार स्पष्ट होने लगते है।  वही अपंने निर्णय लेने की काबिलियत निखरती है।

4- वैसे तो जब आपके इसे खुलने आता है तो आप स्वयं ही इसकी तरफ बढ़ेंगे और यदि आप उस प्रकार का कोई लेख पढ़ रहे है इसका अर्थ है कही न कही आप आध्यात्मिकता की राह पर है। क्राउन चक्र को निम्न तरीके से स्वयं को खोल(activate) सकते है -

सहस्रार चक्र को जाग्रत और हील करने का तरीका - Crown Chakra Open And Heal In Hindi

  • सबसे पहले आराम से एक जगह एकांत में बैठ जाये जहां को शोर न हो। अपने दोनों हाथो की हथेलियों को अपने गोद में एक दूसरे के ऊपर रखे और वे आसमान की तरफ खुले हो। 
  • पांच बार लम्बी साँस ले जितनी देर हो सके रोके और फिर छोड़ दे। 
  • अब कल्पना(imagine) करे की धरती से ऊर्जा मूलाधार चक्र से सभी चक्रो में होते आपके मुकुट चक्र पर जा रही है जिसके वजह से आपका यह चक्र धीरे-धीरे घुमना शुरू हुआ है। अब देखे की इसमें से बैगनी रंग की ऊर्जा निकल रही है।  इसकी चमक इतनी तेज है की इसकी आभा श्वेत रंग की प्रतीत होती है जो आपके चारो ओर एक घेरा बना रही है।  
  • भौतिक शरीर में आपकी यह एक दिव्य आत्मा है जो की शुद्ध है, पवित्र है और सुन्दर है और ईश्वर से जुड़ रही है। 
  • पहले सात दिन आपको सिर्फ इस ऊर्जा का घेरा बनते हुए देखना है  हो सकता है कि शुरुवात के दो दिन आपको दिव्य ऊर्जा(divine energy) कल्पना करने में मुश्किल हो लेकिन कोई बात नहीं कुछ दिनों में दिखने लगेगा। 

इसके आठवे या नवे दिन आपको इस चक्र का "ॐ" बीजोच्चारण करना है और बाकि सब वैसे ही करते जाना है  -

  • आठवे दिन दिव्य घेरा बनने के बाद आपको अपना ध्यान और साँस अपने मुकुट चक्र पर केंद्रित कर कम से कम सात बार आराम से "ॐ"  का उच्चारण  करे. इससे आपको इस चक्र में वाइब्रेशन महूसस होगी और कल्पना करे की यह दिव्य ऊर्जा ब्रह्माण्ड के मार्ग से होती हुई आपको आपके इष्ट तक जोड़ रही है।  जहां आप अपने ईश्वर को साफ-साफ़ देख सकते है। यहाँ आप भौतिकता से परे है, उन्हें महसूस करे, उनसे अपने मन की बात कह दीजिये, और कुछ देर बार यह कल्पना करे कि वे वही ऊर्जा आपकी ओर वे लौटाते हुए, अपना हाथ आशीर्वाद रुप में आपके सहस्रार चक्र पर रख रहे है। जिससे यह दिव्य ऊर्जा आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर रही है। 
  • सभी जीव-जंतु एवं मनुष्य से आपका आध्यत्मिक सबंध है। आपकी आत्मा परमात्मा से जुड़ चुकी है 
  • आप शांत है, खुश है आपके सबकुछ है। ऐसा आपको 21 दिन तक लगातार करना है। 

यदि चक्र में वाइब्रेशन मसहूस नहीं होती है तो अपनी कल्पना को बढ़ाये, कुछ दिनों में महसूस करने लगेंगे।  

सहस्रार चक्र खोलने के सम्बन्ध में सावधानियां 

  • शीर्ष या सहस्रार चक्र का ध्यान रात को 11 बजे से सुबह पांच बजे तक न करे क्योंकि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी रहती है।  
  • चक्र जाग्रत करने के बाद उसे संतुलित रखने का ध्यान जरूर करे। 
  • महिलाये माहवारी के दौरान न करे क्योंकि इस समय इनकी वाइब्रेशन लो रहती है। 
  • सहस्रार चक्र का ध्यान करने से पहले अन्य नीचे के छः को पहले खोले। 


सहस्रार चक्र अति सक्रिय होने के लक्षण 

  • आध्यत्मिक की लत लग जाती है जिससे आप दूसरे के आध्यात्मिक प्रयास की तुलना करने लगते है और यह ईश्वर दूरी की वजह बन जाता है क्योंकि किसी भी चीज़ की लत बुरी होती है। 
  • अभिमान आने लगना 
  • सहानुभूति कम होते जाना 
  • उदासीनता आने लगती है। 
  • संतुलित लोगो के साथ सामंजस्य करने में कठिनाई। 
  • जमीन से जुड़ाव कम होना 

सहस्रार चक्र अवरुद्ध और अंडरएक्टिव होने के लक्षण 

  • थकान लगना 
  • नींद अधिक आना 
  • अध्यत्मिका में मन न लगना 
  • भ्रम की स्थिति 
  • एंग्जायटी 
  • निर्णय न ले पाना 
  • मोटिवेशन मिलना 
  • स्वयं पर भरोसा न होना 
  • समन्वय में कमी 

डिस्क्लेमर 

इस लेख में सहस्रार चक्र को जाग्रत और हील करने का सामान्य जानकारी दी गयी है।  कृपया इसे करने से पहले किसी चक्रास हीलर से सलाह अवश्य ले।